Sunanda Aswal

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शौर्ट स्टोरी चैलेंज

शौर्ट स्टोरी चैलेंज
जॉर्नर : प्रेरक
शीर्षक: चित्रकारी का रहस्य

एक बार तिब्बत के एक गांव में  सोम निकला अपने खोए भाई की तलाश में ..।

वह काफी दूर निकल चुका था ।
मां ने कुछ मुठ्ठी भर अंकुरित दाल एक थैले में रख दिए थे.. ।

वह चलता ..जब थकता झरने या नदी से पानी पी लेता भूख लगती थोड़े सी दालें चबा लेता और कभी कभी कंदमूल खा लेता था ..वह बढ़ता जा रहा था ।

उसे कुछ नहीं मालूम था कि भाई कहां गया ? वह काफी दूर निकल आया । रास्ते में उसे नींद लग रही थी ..वह बुरी तरह थक चुका था । उसको लगा कि वह रहस्यमय गुफा की ओर बढ़ रहा है । जिसमें घुसने का रास्ता तो पता है परंतु ,बाहर जाने की निकासी का पता नहीं । वह चलता जा रहा था ।

आगे मार्ग में उसे पंछियों का शोर सुनाई दिया । मां कहती थीं ," पंछी जंगल में भी वहाँ होते हैं जहाँ वह खुद को सुरक्षित रख पाते हैं । उनके आस पास सुरक्षित रेखा रहनी चाहिए । " वह यह विचार कर ही रहा था ,उसे लगा वह सही जा रहा है ।

उसे वहाँ बर्फीली  गुफा के अंदर कुछ हल चल सुनाई दी ।

चुपके से देखा उसका भाई । सन्यासी के वेष में दिखाई दिया । उसने धोती पहनी हुई थी ,केश कटे थे । वह उसके पास नहीं गया ,दूर से ही देखता रहा ।  भाई को काफी दिनों बाद देखकर उसके आ़खों में अश्रू बह निकले । वह आवाज नहीं दे सका ।

आखिर,उसने सोचा दूर से ही इनका रहस्य देखूं ।
उसने वहाँ अपने लिए एक जगह बनाई । वह प्रतिदिन उनकी रोज मर्रा की गतिविधियों को देखता रहा ।

वे सन्यासी प्रतिदिन स्नानादि से निवृत होकर ,योग ध्यान करते थे । उसके बाद वे बहुत बड़ी जगह इकट्ठा होकर एक खूबसूरत चित्रकारी तैयार करते , प्रतिदिन उस कलात्मक चित्रकारी में कुछ ना कुछ लगाते..। उस चित्रकारी को लगभग एक महीना से ऊपर हो चुका था ।

और एक दिन---

उसको आश्चर्य हुआ जब उसने देखा---

इतनी अद्भुत कलात्मक चित्रकारी को उन्होंने समूल नष्ट कर दिया ।
ओहह..ऐसा क्यों किया ..?? इतनी खूबसूरत थी कि प्रसिद्धि भी दिलवा सकती थी ..ये क्या किया इन्होंने ये रहस्य बना रहा सोम के लिए..।

उसने उस रहस्य को जानने के लिए फिर उसी स्थान पर छिपकर देखने का मन बनाया..।

अगले दिन प्रातः फिर वहाँ पहुंचा--

वहां गुरु बैठे शिष्यों को विचार दे रहे थे ---

' प्रिय शिष्यों ..तुमको लगा होगा कि ,मैंने पहले तुमसे वह अथाह खूबसूरत चित्र बनवाया फिर उसे इतने परिश्रम के बाद तुम्हारे ही हाथों से समाप्त करवा दिया क्योंकि, भूलवश ..., तुम उस पुतले के मोह में कैद हो गए होंगें ,और उसी से मुक्त होने के लिए जरूरी था ..तुमको उसके मोह से छुटकारा दिलवाना ..यही रहस्य था इसका ...!!"

सभी प्यार से गुरु की बातों को समझ रहे थे और उस अनसुलझे रहस्य को भी ।

सोम समझ चुका था कि, अब भाई घर की ओर वापस नहीं आएगा । सो वह ,घर की ओर जाने की तैयारी करने लगा ।

मां को बताएगा भाई अब रहस्य है...और उसका जीवन भी ..गुफा की बर्फ की तरह कैद हो चुका है । शायद कभी नहीं पिघलेगा वह ।।

"कभी नहीं..!!"

#लेखनी
#लेखनी कहानी
#लेखनी कहानी का सफर
सुनंदा..✍🎴🌊

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12 Comments

Gunjan Kamal

31-May-2022 03:02 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Soniya bhatt

11-May-2022 07:18 PM

👏👏

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Reyaan

11-May-2022 05:15 PM

👌👏👏

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